tag:blogger.com,1999:blog-307754608437377978.post399067152808521745..comments2023-04-06T02:30:38.166-07:00Comments on संवाद का सफर: अपनों ने ही बना दी पराईसंतोष गुप्ताhttp://www.blogger.com/profile/10214807616230244014noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-307754608437377978.post-92036970527348019952010-09-10T01:33:39.927-07:002010-09-10T01:33:39.927-07:00साधुवाद...साधुवाद...Kumar Ajayhttps://www.blogger.com/profile/09399050215521702915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-307754608437377978.post-84480640723456086452010-04-20T19:47:47.548-07:002010-04-20T19:47:47.548-07:00वास्तविक समस्या को सही ढंग से उठाया गया है, आप स...वास्तविक समस्या को सही ढंग से उठाया गया है, आप साधुवाद के पात्र हैं।<br /><br /><br />पोस्ट के अंत में आप राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित उक्त विवरण को स्केन कर ब्लॉग में लगा देंगे तो प्रामाणिकता बढेगी ही, ब्लॉग सज्जा भी होगी।<br /><br /><br />आपका चूरू में पुन: स्वागत है।<br /><br /><br />सादरदुलाराम सहारणhttps://www.blogger.com/profile/07681737484352606046noreply@blogger.com