दोस्तों, आज मैं खुश हूं। यह खुशी आपसे मुलाकात की है। इस मुलाकात के लिए मैं पिछले लम्बे समय से चाहत रख रहा था। चाहत अब से चंद सैकंड पहले ही पूरी हुई। अगले हर पल आप लोगों का सुखद सान्निध्य पाता रहूं ऐसी कामना है। मैं चाहता हूं कि मैंने अब तक जो किया, जो मैं कर रहा हूं और जो मैं करना चाहता हूं। उसे ब्लॉग के जरिए आप सभी से साझा कर सकूं। मुझ में हर नए दिन की शुरुआत के साथ कुछ नया करने की ललक रहती है। उसे शिद्दत से पूरा करने की जद्दोजहद में हर दिन करना होता है...सच का सामना। ये ब्लॉग ऐसी ही सच्चाइयों से अब आपकों भी कराता रहेगा रू-ब-रू।

Friday, July 3, 2009

बोर्ड का विकेन्द्रीकरण नहीं सुदृढ़ीकरण होगा

विधानसभा बाद बोर्ड का पुर्नगठन, ढाई हजार स्कूलों में अगस्त से कम्प्यूटर, शिक्षा-सन् २०१० में बदलेगा बोर्ड

चूरू, 3जुलाई। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विकेन्द्रीकरण की नहीं उसके सुदृढ़ीकरण की महती आवश्यकता है। राज्य सरकार विधानसभा सत्र समाप्त होने पर प्राथमिकता से बोर्ड का पुर्नगठन कर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने शुक्रवार को राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी।

शिक्षामंत्री ने अफसोस व्यक्त किया कि भाजपा शासन में बोर्ड अध्यक्ष पद पर बैठाए गए व्यक्ति की प्रशासनिक अनुभवहीनता के कारण परीक्षाओं में प्रश्नपत्र आउट होने जैसी घटनाएं हुईं और लाखों विद्यार्थियों को खामियाजा भुगतना पड़ा। अभिभावकों और बोर्ड प्रशासन को परेशानी हुई सो अलग।

उन्होंने कहा कि अब इस मामले में जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने से ज्यादा जरूरी है कि समूची व्यवस्था का ही सुदृढ़ीकरण किया जाए। शिक्षा मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि बोर्ड का विकेन्द्रीकरण नहीं होगा। राजस्थान बोर्ड से संबद्ध विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर उसका सुदृढ़ीकरण जल्द से जल्द किया जाएगा। शिक्षामंत्री ने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कहां-कहां बदलाव की आवश्यकता है? परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी व्यवस्था कैसी हो? परीक्षा का स्वरूप कैसा हो? इन विषयों पर तेजी से चिंतन-मनन किया जा रहा है।इन प्रस्तावों को निर्णय के लिए केबिनेट में ले जाया जाएगा।

गौरतलब है कि अशोक गहलोत के पिछले शासनकाल में डा। पीसी व्यास के अध्यक्ष पद पर रहते बोर्ड के विकेन्द्रीकरण की दिशा में कदम उठाए गए थे। शिक्षामंत्री ने इस व्यवस्था को सिरे से ही नकार दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र समाप्त होने के तुरन्त बाद बोर्ड के पुर्नगठन के साथ ही तमाम नवाचारों पर भी अमल शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों ही दृष्टि से मजबूत और अनुभवी व्यक्ति को बोर्ड अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसकी तलाश जारी है। इसी के साथ ही सभी सदस्यों का भी मनोनयन कर दिया जाएगा। शिक्षा के राजनीतिकरण और भगवाकरण पर मास्टर भंवरलाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों पर काली स्याही पोतने जैसा काम उनकी सोच में नहीं है। उन्होंने इसे भाजपा की ही ओछी मानसिकता बताया। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्ष २०१० में नया पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इस दौरान पाठ्यक्रम में अवांछित सामग्री को शिक्षाविदें से समीक्षा कराए जाने के बाद बदला जाएगा। शिक्षा मेंं नवाचार पर बात करते हुए उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी हो या प्रो।वासुदेव देवनानी सभी ने ऊपरी स्तर पर बड़ी-बड़ी बातें की पर जमीन पर कुछ नहीं किया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि बीकानेर के चार ब्लॉक सहित राजस्थान के ३३ जिलों की करीब ढाई हजार उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक अगस्त से कम्प्यूटर शिक्षा शुरू हो जाएगी। उन्होंने अपेक्षा की कि गांव के लोग रुचि लेकर इस यज्ञ में सहयोग करेंगे।

उन्होंने बताया कि यह प्रयोग सफल हुआ तो अगले चार सालों में सर्व शिक्षा अभियान से जुड़कर कक्षा छह से कम्प्यूटर शिक्षा शुरू कर दी जाएगी। इसी सत्र से पहली कक्षा में अंग्रेजी विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाने के नवाचार को उन्होंने वक्त की जरूरत बताया। शहरी क्षेत्र में अथवा रोड साईड की स्कूलों में सेवारत पंचायतीराज के कर्मचारियों को अगले दो माह में समानीकरण के तहत फिर से ग्रामीण स्कूलों में भेजे जाने पर उन्होंने दृढ़ता दर्शाई। शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने को ध्यान में रखते हुए उन्होंने करीब साढ़े तीन हजार शिक्षकों की रिक्तियों की पूर्ति के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव लिख भेजा है। इस दिशा में भी शीघ्र ही कार्रवाई होगी।

No comments:

Post a Comment